| لا تُطيعي هواكِ، أيّتُها النفـ | سُ، فنعمى المليك فينا ربيبَهْ |
| وابن جحشٍ، لمّا تنصّر، لم ترْ | كُنْ، إلى ما يقولُ، أمُّ حَبيبه |
| وبلالٌ يَحكي ابنَ تمرةَ في الخِفّة | أوفى من عنترَ ابنِ زَبيبه |
| لا أغادي مَفارقي بصبيبٍ | وأخلّي والقفرَ آلَ صبيبه |
| إنّ خيراً من اختراشِ ضِباب الأر | ضِ، للناشىء، اتخاذُ ضبيبه |
| كيف أضحتْ شبيبة القلب حمرا | ءَ، وزالت من السّواد الشّبيبه |
| فالزمي النّسك إن علقتِ، وفرّي | من ذوي الجهل كي تُعَدّي لبيبه |